भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ‘द्रव और थर्मल विज्ञान’ में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ सहयोग कर रहा है। इसरो इस केंद्र की स्थापना के लिए ₹1.84 करोड़ की प्रारंभिक धनराशि प्रदान करेगा।
यह केंद्र इसरो के अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान से संबंधित थर्मल प्रबंधन अनुसंधान गतिविधियों के लिए एक नोडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा। आईआईटी मद्रास संकाय की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर विभिन्न घटकों के डिजाइन, विश्लेषण और परीक्षण से संबंधित थर्मल समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
एमओयू के तहत परियोजनाएं अंतरिक्ष यान थर्मल प्रबंधन, हाइब्रिड रॉकेट में दहन अस्थिरता और क्रायो-टैंक थर्मोडायनामिक्स सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेंगी। केंद्र इसरो वैज्ञानिकों और आईआईटी मद्रास संकाय के बीच सहयोग बढ़ाएगा, द्रव और थर्मल विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देगा।
आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अरविंद पट्टमट्टा ने विज्ञप्ति में कहा, यह उत्कृष्टता केंद्र एक उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ावा देगा, जिससे इसरो वैज्ञानिकों और आईआईटी मद्रास के संकाय और छात्रों को थर्मल विज्ञान के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोगात्मक रूप से अनुसंधान को आगे बढ़ाने की अनुमति मिलेगी।