हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने कहा है कि उनके नाम और प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश रची गई थी। समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में स्वयंभू बाबा ने इस त्रासदी पर अपनी पीड़ा व्यक्त की, लेकिन दावा किया कि सभा के बीच एक जहरीला पदार्थ छिड़का गया था, जिसके कारण भगदड़ मची।
भोले बाबा ने त्रासदी से हार मानते हुए कहा, “2 जुलाई की घटना के बाद हम बहुत परेशान और व्यथित हैं। लेकिन, जो होना है उसे कौन टाल सकता है? जो भी इस धरती पर आया है, उसे एक दिन जाना ही होगा, हालांकि समय अलग-अलग हो सकता है।”
हालांकि, उन्होंने तुरंत अपना रुख बदलते हुए आरोप लगाया कि उनका नाम और प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश रची गई है। उन्होंने दावा किया, “हमारे वकील एपी सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें सभा में एक ज़हरीले स्प्रे के बारे में बताया। इससे साबित होता है कि हमारा नाम और प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश रची गई थी।”
आरोपों के बावजूद भोले बाबा ने घटना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) पर भरोसा जताया। उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा, “सत्य की जीत होगी और साजिशकर्ताओं को सजा मिलेगी।”
एसआईटी ने भी घटना के पीछे “बड़ी साजिश” के संकेत दिए हैं, जिसमें कार्यक्रम आयोजकों, स्थानीय पुलिस और राज्य प्रशासन को दोषी ठहराया गया है। हालांकि, भोले बाबा को किसी भी आरोप से बरी कर दिया गया। राज्य सरकार ने तब से कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जिनमें उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, सर्कल अधिकारी, तहसीलदार, स्टेशन हाउस अधिकारी और दो स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी अधिकारी शामिल हैं।
यह हादसा 2 जुलाई को फूलराई गांव में एक आध्यात्मिक समागम में हुआ, जहां 2 लाख से ज़्यादा लोग ‘सत्संग’ के लिए जमा हुए थे। मामले में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि आयोजकों ने 80,000 लोगों की भीड़ के लिए अनुमति ली थी, जिससे तैयारी और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठते हैं।