प्रतिबंधित आतंकवादी समूह उल्फा (आई) द्वारा कम से कम 19 स्थानों पर विस्फोटक लगाने का दावा करने के बाद असम पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस पर पूरे राज्य में कई स्थानों पर तलाशी ली। असम के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि गुवाहाटी सहित कुछ शहरों और कस्बों में “संदिग्ध वस्तुएं” पाई गईं, और उनमें सर्किट और बैटरियां तो थीं, लेकिन कोई इग्निशन डिवाइस नहीं थी।
बम की धमकी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आतंकवादी समूह से असम के विकास को नुकसान नहीं पहुंचाने और बातचीत के जरिए अपने मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया है।
पुलिस की कार्रवाई उल्फा (आई) द्वारा गुरुवार को जारी बयान के बाद शुरू हुई, जिसमें दावा किया गया कि असम में 19 जगहों पर बम लगाए गए थे और “तकनीकी त्रुटि” के कारण उन्हें विस्फोटित नहीं किया जा सका। समूह ने कहा कि उसने स्वतंत्रता दिवस समारोह का विरोध करने के लिए बम लगाए थे।
असम पुलिस ने कुत्तों और बम निरोधक दस्तों के साथ गुवाहाटी, लखीमपुर, शिवसागर और कई अन्य स्थानों पर तलाशी ली।
पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने कहा कि संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं और उनमें मौजूद सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
श्री सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, “असम पुलिस ने आज पूरे राज्य में विस्फोटक उपकरणों की तलाश में व्यापक तलाशी ली है। गुवाहाटी में दो स्थानों पर संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं, जिन्हें पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने खोला। इन वस्तुओं के अंदर प्रज्वलन उपकरण नहीं थे, हालांकि कुछ सर्किट और बैटरियां देखी गईं। अंदर मौजूद पदार्थ को फोरेंसिक/रासायनिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।”
असम पुलिस ने आज पूरे राज्य में विस्फोटक उपकरणों की तलाश में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। गुवाहाटी में दो स्थानों पर संदिग्ध वस्तुएं मिलीं, जिन्हें पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने खोला। इन वस्तुओं में कुछ सर्किट के माध्यम से इग्निशन डिवाइस नहीं है…
— जीपी सिंह (@gpsinghips) 15 अगस्त, 2024
उन्होंने कहा, “लखीमपुर, शिवसागर, नलबाड़ी और नागांव में भी इसी तरह की वस्तुएं देखी गई हैं, जिनका सुरक्षित तरीके से निपटान कर दिया गया है। इस संबंध में उचित कानूनी जांच शुरू कर दी गई है।”
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बरुआ ने कहा कि गुवाहाटी में आठ स्थानों पर तलाशी ली गई और उनमें से छह में कुछ भी नहीं मिला।
श्री बरुआ ने कहा, “दो स्थानों पर हमें ऐसी सामग्री मिली जो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) जैसी दिखती है, लेकिन उनमें कोई ट्रिगर मैकेनिज्म नहीं था। यह पता लगाने के लिए कि क्या यह विस्फोटक था, उनके अंदर की सामग्री का रासायनिक विश्लेषण किया जा रहा है।”
‘बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान’
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने सेमीकंडक्टर चिप्स की असेंबली और परीक्षण के लिए असम में एक सुविधा में टाटा समूह के निवेश के बारे में बात की और उल्फा (आई) से राज्य के विकास के रास्ते में नहीं आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब टाटा यहां सेमीकंडक्टर असेंबल करने की योजना बना रही है और राज्य विकास कर रहा है, मैं उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ से अनुरोध करना चाहता हूं कि वह ऐसा कुछ न करें जिससे राज्य का विकास बाधित हो। मैं बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने में दिलचस्पी रखता हूं।”