माले, मालदीव:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और दोनों देशों तथा क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह द्वीपसमूह देश के चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के पिछले वर्ष पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की ओर से पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
जयशंकर ने बैठक की तस्वीर के साथ एक्स पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं पहुंचाईं। अपने लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
जयशंकर की मालदीव यात्रा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए जून में राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है।
इससे पहले, जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग तथा द्वीपसमूह देश में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में “साझा हित” पर चर्चा की।
भारत और मालदीव के बीच संबंध तब से गंभीर तनाव में आ गए हैं, जब चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने नवंबर 2023 में शीर्ष पद का कार्यभार संभाला।
शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों पर तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी।
इसके बाद, पारस्परिक सहमति से तय तिथि 10 मई तक भारतीय सैन्यकर्मियों के स्थान पर असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया गया।
जून 2024 में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के बाद से यह जयशंकर की मालदीव की पहली आधिकारिक यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा जनवरी 2023 में हुई थी।
जयशंकर की 11 अगस्त तक की तीन दिवसीय यात्रा उनके समकक्ष, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के निमंत्रण पर हो रही है।
उनकी यात्रा से पहले एक बयान में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, “मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और हमारे विजन ‘सागर’, यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।” विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों की तलाश करना है।”
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में माले की पिछली सरकार के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)