केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने 18 जून को आयोजित यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा रद्द कर दी है क्योंकि प्रथम दृष्टया संकेत मिला था कि “उपर्युक्त परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है”।
मामला अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाएगा।
इस परीक्षा में 9 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए तथा जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है।
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) की जून की परीक्षा मंगलवार को देश के विभिन्न शहरों में दो पालियों में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में आयोजित की गई।
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हालांकि 19 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के बारे में कुछ इनपुट प्राप्त हुए, जिससे संकेत मिलता है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया हो सकता है।
परीक्षाओं की नई तिथि बाद में घोषित की जाएगी।
यूजीसी-नेट प्रत्येक वर्ष दो बार, जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “परीक्षा प्रक्रिया में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए। एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी। साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा जा रहा है।”