कुशल कार्यबल तैयार करने के उद्देश्य से तेलंगाना सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में कौशल विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया। यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी, जो इस शैक्षणिक वर्ष में अस्थायी परिसर में काम करेगी, उसका स्थायी परिसर हैदराबाद के पास मीरखानपेट में होगा।
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि विश्वविद्यालय हजारों कुशल कर्मियों का निर्माण करेगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर खोजने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “हम विश्वविद्यालय में 17 पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। पूरा होने पर छात्रों को एक प्रमाण पत्र मिलेगा। हम ₹50,000 की मामूली वार्षिक फीस लेने जा रहे हैं। हम एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों से संबंधित छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति की पेशकश करने पर विचार करेंगे।”
बाद में उन्होंने यहां के निकट मीरखानपेट में विश्वविद्यालय परिसर की आधारशिला रखी।
सदन में विधेयक पेश करते हुए आईटी, उद्योग और विधायी मामलों के मंत्री डी श्रीधर बाबू ने कहा कि नौकरियों की भारी मांग है। उन्होंने कहा, “अगर हम दो लाख लोगों को भी नौकरी देते हैं, तो 20 लाख युवा रोजगार के अवसर तलाशेंगे। कौशल विश्वविद्यालय उन्हें विशेष कौशल से लैस करेगा, जिससे उन्हें नौकरी पाने में मदद मिलेगी।”
मंत्री ने कहा कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में करीब 2,000 छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा। दूसरे वर्ष यह संख्या बढ़कर 10,000 हो जाएगी।