17.1 C
New Delhi
Monday, December 23, 2024

ज्ञानवापी पर योगी आदित्यनाथ का बयान अखिलेश के पीडीए फॉर्मूले का जवाब? डीएनए डिकोड करता है

आज के DNA विश्लेषण में हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक हालिया बयान का विश्लेषण करेंगे। एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान योगी ने दावा किया, “ज्ञानवापी कोई और नहीं बल्कि स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं।” इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि जब मामला अभी भी अदालत में है तो मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी क्यों करेंगे। एक तरफ, इस बयान को भड़काऊ माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसे अखिलेश यादव की PDA (प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन) रणनीति के प्रति योगी की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन योगी के शब्दों के पीछे क्या गहरा अर्थ है? आज DNA में हम इसी पर चर्चा करेंगे।

पूरा डीएनए एपिसोड यहां देखें

योगी ने कहा, “दुर्भाग्य से, लोग आज ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी वास्तव में भगवान विश्वनाथ है।” उत्तर प्रदेश में उपचुनाव नजदीक आने के साथ ही अखिलेश यादव अपने पीडीए फॉर्मूले का इस्तेमाल कर जमीन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोगों का मानना ​​है कि योगी आदित्यनाथ अपने तरीके से इस रणनीति का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं।

योगी के बयान का क्या मतलब है? एक तीर से दो निशाने साधना? एक स्तर पर, योगी के बयान ने ज्ञानवापी के बैनर तले एकता और अखंडता पर जोर दिया। साथ ही, कई लोगों का मानना ​​है कि उनका लक्ष्य अपने मूल मतदाता आधार को मजबूत करना भी था।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद से योगी अक्सर अपने भाषणों में काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। अब माना जा रहा है कि अयोध्या के बाद योगी ने काशी एजेंडे पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं।

हालांकि, इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इससे नाराज हैं, खासकर मौलानाओं ने मुख्यमंत्री के बयान का कड़ा विरोध किया है। वहीं दूसरी ओर हिंदू धार्मिक नेता योगी आदित्यनाथ के समर्थन में उतर आए हैं।



Source link

Related Articles

Latest Articles