नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, एनसीईआरटी ने अयोध्या पर अध्याय को चार पन्नों से छोटा करके दो पेज कर दिया है और तीन गुंबद वाले ढांचे शब्द के साथ बाबरी मस्जिद का नाम हटा दिया है।
आज के डीएनए में सौरभ राज जैन ने एनसीईआरटी की पुस्तकों से बाबरी संदर्भों में कमी का विश्लेषण किया।
आज का पूरा एपिसोड यहां देखें:
: … #डीएनए रहना @सौरभराज जैन के साथ#ज़ीलाइव #जी नेवस #DNAWithSourabh https://t.co/IcKmJumTQS— ज़ी न्यूज़ (@ZeeNews) 17 जून, 2024
कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के पाठ्यक्रम में परिवर्तन करते हुए पहला परिवर्तन यह किया गया है कि ‘बाबरी मस्जिद’ शब्द के स्थान पर तीन गुंबद वाली संरचना शब्द रखा गया है।
एनसीईआरटी की पुरानी किताब के अनुसार, बाबर के सेनापति मीर बाक़ी ने सोलहवीं शताब्दी में बाबरी मस्जिद बनवाई थी, लेकिन नई किताब में कहा गया है कि भगवान श्री राम की जन्मस्थली पर 1528 में तीन गुंबद वाली संरचना बनाई गई थी।
पुरानी किताब में लिखा था कि कुछ हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम की जन्मभूमि पर बने राम मंदिर को तोड़कर उसी स्थान पर मस्जिद बनाई गई थी। हालांकि, नई किताब में कहा गया है कि तीन गुंबद वाली संरचना के बाहरी और भीतरी हिस्सों पर कई हिंदू प्रतीक दिखाई देते हैं।