भोपाल:
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी की नई किताब में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बेटी के दुल्हन के जोड़े और 2005 में इंदौर में हुए एक हाई-प्रोफाइल अपहरण मामले के बीच खौफनाक संबंध का खुलासा करने का दावा किया गया है। डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव की “शेकल द स्टॉर्म” नामक पुस्तक में इस बात का ब्यौरा दिया गया है कि कैसे दो असंबंधित घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। यह पुस्तक मध्य प्रदेश के आपराधिक इतिहास के एक काले अध्याय पर प्रकाश डालती है।
कहानी जुलाई 2005 में मक्का में अपनी शादी के दौरान दाऊद की बेटी माहरुख द्वारा पहने गए दुल्हन के जोड़े से शुरू होती है। यह गाउन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी इस्माइल खान नामक एक दर्जी ने तैयार किया था।
बमुश्किल एक महीने बाद, 17 अगस्त 2005 को इंदौर के एक प्रमुख सीमेंट निर्माता के 20 वर्षीय बेटे नितेश नागोरी का अपहरण कर लिया गया। उसके लिए 4 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने कुछ आरोपियों को पकड़ा और फिरौती दिए जाने से पहले उसे छुड़ाने में कामयाब रही।
जांच से पता चला कि इस्माइल खान अपहरण में शामिल था।
इस्माइल खान दाऊद इब्राहिम के भरोसेमंद साथियों में से एक आफताब आलम का करीबी था। फिरौती की रकम में से एक हिस्सा दाऊद इब्राहिम को मिलना था।
पुलिस का मानना है कि अपहरण के बाद भाग गए इस्माइल को अपराध में उसकी भूमिका के लिए आकर्षक कमीशन और दुबई में नौकरी देने का वादा किया गया था, साथ ही गाउन की सिलाई के लिए एक करोड़ रुपये भी दिए गए थे।
इस्माइल और आफताब दोनों घटना के बाद से ही फरार हैं और लगभग दो दशक से पकड़ से दूर हैं।
सितंबर 2005 में पुलिस ने नितेश नागोरी के मित्र ध्रुव और उसके एक अन्य सहयोगी गौरव को अपहरण में इस्माइल की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान ध्रुव ने इस्माइल को मास्टरमाइंड बताया, जिससे पुलिस को इस्माइल और कुख्यात अंडरवर्ल्ड नेटवर्क के बीच संबंध का पता चला।
जांच से यह भी पता चला कि आफताब आलम, जो 1997 में मुंबई से भाग गया था, अपहरण के दौरान खाड़ी देश से काम कर रहा था।
आफ़ताब की संलिप्तता ने मामले को और जटिल बना दिया। इंटरपोल को सतर्क कर दिया गया और इस्माइल, आफ़ताब और रंधावा और इब्राहिम सहित अन्य संदिग्धों की गिरफ़्तारी के लिए वारंट जारी कर दिए गए, जो फरार हैं।
डॉ. श्रीवास्तव की पुस्तक अपहरण मामले से आगे बढ़कर मध्य प्रदेश में अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों, विशेष रूप से दाऊद इब्राहिम और उसके कुख्यात प्रतिद्वंद्वी छोटा राजन की गुप्त गतिविधियों पर प्रकाश डालती है।
यह कथा छोटा राजन गिरोह के एक प्रमुख सदस्य विक्की मल्होत्रा की एक अनकही कहानी को उजागर करती है, जिसे इंदौर में एक पूर्व फिरौती की धमकी से जुड़े फोन नंबर का उपयोग करके अनजाने में मुंबई पुलिस को सतर्क करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
मल्होत्रा, जिनका असली नाम विजय कुमार यादव है, ने अंडरवर्ल्ड में अपने जीवन का विस्तृत विवरण दिया है, जिसमें दाऊद इब्राहिम की हत्या के कई प्रयासों में उनकी संलिप्तता भी शामिल है। इस पुस्तक में दाऊद को निशाना बनाने की असफल कोशिश जैसे चौंकाने वाले विवरण उजागर किए गए हैं, जो कराची में उनकी बेटी के दफ़न के दौरान हुई थी और दुबई में एक और असफल योजना थी।
पुस्तक की सबसे दिलचस्प कहानियों में से एक विजय यादव का विक्की मल्होत्रा में परिवर्तन है, जो छोटा राजन के गिरोह का एक खूंखार डॉन है।
डॉ. श्रीवास्तव बताते हैं कि कैसे मुर्शिदाबाद का यह छोटा चोर अंडरवर्ल्ड में प्रमुखता से उभरा और तीन मौकों पर दाऊद इब्राहिम की हत्या करने के करीब पहुंच गया।
शेकल द स्टॉर्म महज एक क्राइम थ्रिलर नहीं है; यह 14 दिलचस्प कहानियों का संकलन है जो मध्य प्रदेश में अपराध, न्याय और अंडरवर्ल्ड की काली दुनिया को दर्शाती है।
पुस्तक में 2006 के भोजशाला दंगों के दौरान इंदौर रेंज के आईजी के रूप में डॉ. श्रीवास्तव के अनुभव का भी वर्णन किया गया है, जहां उन्होंने सांप्रदायिक तनाव को प्रबंधित करने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी की गतिविधियों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जैसा कि डॉ. श्रीवास्तव बताते हैं, ये कहानियां सिर्फ अपराध के बारे में नहीं हैं, बल्कि उन लोगों के साहस के बारे में भी हैं जो इसके खिलाफ खड़े होते हैं, और पाठकों को आतंकवाद और अंडरवर्ल्ड के खिलाफ मध्य प्रदेश की लड़ाई की अनकही कहानियों की एक झलक प्रदान करती हैं।