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Monday, December 23, 2024

दिल्ली कोचिंग सेंटर मौत मामला: हाईकोर्ट ने बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

दिल्ली कोचिंग सेंटर में मौतें: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा। इस कोचिंग सेंटर में इस साल जुलाई में तीन आईएएस उम्मीदवार डूब गए थे।

बेसमेंट के मालिक फिलहाल जेल में हैं। हाल ही में एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सह-मालिकों की जिम्मेदारी बेसमेंट को कोचिंग संस्थान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने के उनके अवैध कृत्य से उत्पन्न हुई है।

यह मामला सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत से जुड़ा है। भारी बारिश के बाद जलभराव के कारण वे बेसमेंट में डूब गए थे। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने बेसमेंट के सह-मालिकों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाओं पर केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी किया और मामले पर जवाब मांगा।

मामले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए जस्टिस शर्मा ने कहा कि यह ‘कोई साधारण मामला नहीं है’। कोर्ट ने सीबीआई को ‘ठोस सबूत’ पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर, 2024 को तय की गई है। साथ ही कोर्ट ने घटना में मारे गए छात्रों में से एक के पिता से जमानत याचिकाओं पर ‘संक्षिप्त जवाब’ देने को कहा है।

उत्तर प्रदेश की सिविल सेवा अभ्यर्थी श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नवीन डेल्विन (24) 27 जुलाई की शाम को भारी बारिश के बाद राऊ आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से डूब गए।

मामले की जांच भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत की जा रही है। हाईकोर्ट ने मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी है।

बेसमेंट के चार सह-मालिकों ने तर्क दिया कि वे केवल बेसमेंट के मालिक थे, जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था, और इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

इससे पहले, एक निचली अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि सीबीआई जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और मामले में उनकी विशिष्ट भूमिका का पता लगाया जाना जरूरी है।

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