नई योजना के अनुसार, भारत द्वारा अगले वर्ष क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी किये जाने की उम्मीद है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महीने के अंत में अमेरिका में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ शामिल होंगे, जहां इस प्रभावशाली समूह द्वारा यूक्रेन की स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है।
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि शिखर सम्मेलन 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के गृहनगर विलमिंगटन, डेलावेयर में होने की संभावना है।
हाई-प्रोफाइल शिखर सम्मेलन की तिथि और स्थान के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस वर्ष क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की बारी भारत की थी। हालांकि, समूह के नेताओं ने तंग कैलेंडर की बाधाओं को देखते हुए सभी के लिए सुविधाजनक स्थान पर शिखर सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया।
मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस और उनके जापानी समकक्ष फूमियो किशिदा उन विश्व नेताओं में शामिल हैं जो 22 और 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के भविष्य के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका जा रहे हैं।
क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के अलावा यूक्रेन में संघर्ष सहित विश्व के सामने मौजूद विभिन्न प्रमुख चुनौतियों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
जुलाई में, क्वाड सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने टोक्यो में व्यापक वार्ता की, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समग्र सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
चीन को जोरदार और स्पष्ट संदेश देते हुए क्वाड विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के प्रति समूह की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई और एक ऐसे क्षेत्र की दिशा में काम करने का संकल्प लिया गया जहां कोई भी देश दूसरे पर हावी न हो और प्रत्येक राज्य सभी रूपों में “जबरदस्ती” से मुक्त हो।
विदेश मंत्रियों ने अपने महत्वाकांक्षी हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) कार्यक्रम को हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तारित करने की योजना की भी घोषणा की, जिससे रणनीतिक जल क्षेत्र की निगरानी में सुविधा होगी।
उपरोक्त सूत्रों ने बताया कि न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं के साथ बातचीत करने के अलावा भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भविष्य के शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेता एक नई अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए एकत्रित होंगे कि किस प्रकार “एक बेहतर वर्तमान प्रदान किया जाए तथा भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए।”
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि प्रभावी वैश्विक सहयोग हमारे अस्तित्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन अविश्वास के माहौल में, पुरानी संरचनाओं का उपयोग करते हुए, जो आज की राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, इसे हासिल करना कठिन है।
इसमें कहा गया कि भविष्य का शिखर सम्मेलन वापस पटरी पर आने का एक अवसर है।