उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नकली नोट छापने के लिए मदरसे का इस्तेमाल किया जा रहा था। मदरसे के मौलवी मौलवी मोहम्मद तफसीरुल की सहमति से यह अवैध काम चल रहा था। घटना प्रयागराज के अतरसुइया इलाके में स्थित जामिया हबीबिया मदरसे की है। पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौलवी समेत चार लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। आरोपी नकली नोटों के लिए सुरक्षा धागा बनाने के लिए हरे रंग की टेप का इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, उन्होंने 100 रुपये के कुल 1,300 नकली नोट बरामद किए। मौलवी ने कबूल किया कि ये नकली नोट शहर के विभिन्न हिस्सों में वितरित किए जा रहे थे। नकली नोटों के अलावा, पुलिस ने मदरसे के परिसर से प्रिंटर, स्कैनर, नकली नोट बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण और उनके उत्पादन के लिए आवश्यक विशेष कागज भी जब्त किए।
#आज की ताजा खबर: मदरसे में नकली नोट बरामद, 100-100 रुपए के नकली नोट मिले#उतार प्रदेश #प्रयागराज #मदरसा | @प्रियसी90 pic.twitter.com/l2COew0uVW— ज़ी न्यूज़ (@ZeeNews) 29 अगस्त, 2024
आगे की जांच में पता चला कि जामिया हबीबिया मदरसा के प्रिंसिपल मोहम्मद तफ़सीरुल ने ओडिशा के एक नकली मुद्रा निर्माता जाहिद खान को मदरसे में एक कमरा किराए पर दिया था। पुलिस ने कहा कि तफ़सीरुल को नकली मुद्रा संचालन के बारे में पूरी जानकारी थी और वह वास्तव में जाहिद खान के साथ अवैध कारोबार में एक शेयरधारक था।
डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि मदरसे में पिछले तीन महीने से यह धंधा चल रहा था। प्रयागराज के करेली निवासी मोहम्मद अफजल और मोहम्मद शाहिद नकली नोटों को बाजार में खपाने का काम करते थे।
पुलिस के मुताबिक, 45,000 रुपये के नकली नोटों को 15,000 रुपये के असली नोटों में बदला जा रहा था। पुलिस का मानना है कि लाखों रुपये के नकली नोट पहले ही बाजार में चल चुके हैं।
जाहिद खान के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने 100 रुपये के 1300 नकली नोट बरामद किए हैं। साथ ही, उन्हें बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले स्कैनर, प्रिंटर, कागज और अन्य उपकरण भी बरामद किए हैं। जांच जारी है और पुलिस मदरसा प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल और मास्टरमाइंड जाहिद खान के बीच संबंधों की गहन जांच कर रही है। इस अवैध काम में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।