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Tuesday, December 24, 2024

मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र से छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सूची मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छात्रों की आत्महत्या एक बहुत गंभीर सामाजिक मुद्दा है (फाइल)

नई दिल्ली:

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने देश में छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इन घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि छात्रों की आत्महत्या एक बहुत गंभीर सामाजिक मुद्दा है।

अधिवक्ता गौरव बंसल ने एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं।

श्री बंसल ने बताया कि आरटीआई के तहत दिल्ली पुलिस से प्राप्त जवाब के अनुसार, 2014 से 2018 के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 18 वर्ष से कम आयु के 400 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्या भारत में युवा और वृद्ध दोनों लोगों के लिए सबसे बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है।

अप्रैल में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में 1.71 लाख लोगों की आत्महत्या से मौत हुई।

आत्महत्या की दर बढ़कर प्रति 1,00,000 व्यक्तियों पर 12.4 हो गयी है, जो भारत में अब तक दर्ज की गयी सर्वाधिक दर है।

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