नई दिल्ली:
फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों से लेकर कूरियर धोखाधड़ी तक, साइबर अपराधी चालाक हो गए हैं। जालसाजों द्वारा पुलिस का भेष धारण कर लोगों को मैसेज और कॉल करके उनकी मेहनत की कमाई ठगने के कई मामलों के बाद, अब ‘सीजेआई’ का एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कैब बुक करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं।
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के स्क्रीनशॉट के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ होने का दावा करने वाला प्रतिरूपक, कॉनॉट प्लेस (सीपी) में फंसा हुआ था।
इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट में लिखा था, “हैलो, मैं सीजेआई हूं और कॉलेजियम की एक जरूरी बैठक है और मैं कैनॉट प्लेस में फंस गया हूं। क्या आप कैब के लिए 5000 रुपये भेज सकते हैं।” इस पोस्ट में वर्तनी और व्याकरण संबंधी गलतियां हैं।
धोखाधड़ी वाले संदेश में आश्वासन दिया गया कि, “मैं अदालत पहुंचते ही पैसा लौटा दूंगा।”
सुप्रीम कोर्ट ने अब वायरल पोस्ट पर संज्ञान लिया है और मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की है।
हाल के दिनों में साइबर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जहां लोग अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए सरल डिजिटल तरीकों का शिकार होकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं।
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म’ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें भुगतान धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियां होंगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 30 मई को जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई वित्तीय धोखाधड़ी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में साल-दर-साल 166 प्रतिशत बढ़कर 36,075 मामलों तक पहुंच गई है।
यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष, FY23 में दर्ज 13,564 मामलों से बिल्कुल विपरीत है।