जो अभ्यर्थी पहले ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में जाकर हथकरघा प्रौद्योगिकी का अध्ययन करते थे, वे अब स्थानीय स्तर पर ही इसका अध्ययन कर सकेंगे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को यहां भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएचटी) का उद्घाटन किया।
संस्थान हथकरघा तकनीक में उन्नत प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करेगा। राज्य सरकार ने नव स्थापित IIHT का नाम कोंडा लक्ष्मण बापूजी के नाम पर रखने का फैसला किया है, जो एक वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने तेलंगाना राज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी।
इस अवसर पर बोलते हुए रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना में IIHT स्थापित करने के लिए केंद्र से की गई अपील सच साबित हुई है। उन्होंने कहा, “केंद्र ने तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और संस्थान की स्थापना को मंजूरी दे दी। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इसी साल हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए काम शुरू करें।”
उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य में छात्रों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कौशल विश्वविद्यालय पहले ही खोला जा चुका है और अगले वर्ष कौशल विश्वविद्यालय में आईआईएचटी परिसर स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
तेलंगाना सरकार ने पहले ही बुनकरों को 290 करोड़ रुपये का बकाया जारी कर दिया है। रेड्डी ने आगे कहा कि “राज्य में 63 लाख स्वयं सहायता समूह के सदस्य पंजीकृत हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक समूह के सदस्य को हर साल दो साड़ियाँ निःशुल्क वितरित करने का निर्णय लिया है। साड़ियों के अच्छे डिज़ाइन और गुणवत्ता के साथ आने के लिए अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुनकरों द्वारा लिए गए 30 करोड़ रुपये के हथकरघा ऋण माफ करेगी।
राज्य सरकार ने बुनकरों को प्रतिवर्ष 1.30 करोड़ साड़ियां बनाने का ऑर्डर देने का भी निर्णय लिया है। अधिकारियों को सहकारी संघों (सामयिक संघ) के चुनाव कराने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।