29 जुलाई को चांदी की कीमतों में 2024 में सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट देखी गई। पिछले सत्र में यह 89,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी
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स्थानीय दिल्ली बाजार में सोमवार को आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग के कारण सोना 950 रुपए टूटकर 71,050 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली यह बहुमूल्य धातु शनिवार को पिछले सत्र में 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,650 रुपये टूटकर 70,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। शनिवार को यह 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों की कमजोर उठान के कारण चांदी भी 4,500 रुपए की गिरावट के साथ 84,500 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई।
यह 2024 में चांदी की कीमतों में सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है। पिछले सत्र में यह 89,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
व्यापारियों ने कहा कि आभूषण विक्रेताओं के साथ-साथ खुदरा खरीदारों की ओर से कमजोर मांग के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई।
पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने की घोषणा की, जिसका घरेलू मोर्चे पर असर पड़ा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, “आयात शुल्क में कटौती के बाद भारत में सोने का प्रीमियम एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।”
हालांकि, वैश्विक मोर्चे पर कॉमेक्स सोना 10.60 डॉलर प्रति औंस की बढ़त के साथ 2,438.50 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।
मोदी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीति निर्माताओं को मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में प्रगति के नए सबूत मिले हैं, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि वे अपनी बैठक का उपयोग सितंबर से ब्याज दरों में कटौती का संकेत देने के लिए करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस सप्ताह मुख्य ध्यान फेड नीति बैठक, अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास, फैक्ट्री ऑर्डर और रोजगार बाजार के आंकड़ों पर रहेगा।
अमेरिकी फेड की बैठक मंगलवार को शुरू होगी और बुधवार को समाप्त होगी।
इसके अलावा, न्यूयॉर्क में चांदी मामूली बढ़त के साथ 28.28 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
“इस सप्ताह सोने की शुरुआत सकारात्मक रही है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुरुआती कारोबार में कीमतें 2,400 डॉलर से ऊपर चली गईं। ऐसा मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने की आशंका के कारण सुरक्षित निवेश के तौर पर खरीदारी बढ़ने और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के स्थिर रहने से भी हुआ।”
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में ईबीजी – कमोडिटी एवं करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, “इस सप्ताह तीन प्रमुख केंद्रीय बैंक बैठकों पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा, जिनमें बैंक ऑफ जापान, यूएस फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड शामिल हैं।”