चाहे ग्रामीण लचीलापन, शहरी आकर्षण, या सांस्कृतिक गौरव का चित्रण हो, ये अभिनेता जहां से आते हैं, उसके प्रति सच्चे रहते हैं
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बॉलीवुड अभिनेता अक्सर भारत के विभिन्न कोनों से किरदार निभाते हैं, विभिन्न कहानियों को पर्दे पर जीवंत करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए, उनकी अपनी जड़ों से जुड़ाव सिर्फ एक भूमिका से कहीं अधिक गहरा होता है। ये सितारे न केवल अपने गृहनगरों से प्रेरणा लेते हैं, बल्कि अपने काम और जीवन में अपनी विरासत का एक अंश भी रखते हैं, जिससे उनके प्रदर्शन में प्रामाणिकता आती है। चाहे ग्रामीण लचीलापन, शहरी आकर्षण, या सांस्कृतिक गौरव का चित्रण हो, ये अभिनेता जहां से आते हैं, उसके प्रति सच्चे रहते हैं।
यहां पांच अभिनेता हैं जो गर्व से अपने गृहनगर की जड़ों का जश्न मनाते हैं:
सोहम शाह (श्री गंगानगर, राजस्थान):
श्री गंगानगर के जीवंत परिदृश्य से आने वाले, सोहम शाह अपने काम में छोटे शहर भारत की भावना का प्रतीक हैं। तुम्बाड और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली श्रृंखला महारानी में अपनी ज़बरदस्त भूमिका के लिए जाने जाने वाले सोहम की कहानियाँ अक्सर साधारण शुरुआत से आने वाले लोगों की चुनौतियों और सपनों को प्रतिबिंबित करती हैं। अपने गृहनगर में उनका बार-बार आना और उसकी संस्कृति पर उनका गर्व उन्हें अपनी जड़ों का सच्चा राजदूत बनाता है।
पंकज त्रिपाठी (बेलसंड, बिहार):
पंकज त्रिपाठी का अभिनय बिहार के बेलसंड में हुई उनकी परवरिश की तरह ही ज़मीनी और प्रामाणिक है। चाहे वह मिर्ज़ापुर में एक पितामह की भूमिका हो या गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल में एक संघर्षरत पिता की भूमिका हो, उनके किरदारों में एक सादगी दिखती है जो उनकी जड़ों को प्रतिबिंबित करती है। पंकज अक्सर खुद को जमीन पर उतारने का श्रेय अपने गृहनगर को देते हैं और ग्रामीण भारत के प्रति उनका प्यार उनके साक्षात्कारों और ऑफ-स्क्रीन व्यक्तित्व में झलकता है।
विक्की कौशल (चंडीगढ़):
मुंबई में जन्मे विक्की कौशल अपनी पंजाबी विरासत को अपने ऑन-स्क्रीन व्यक्तित्व के साथ सहजता से जोड़ते हैं। उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक में बहादुर मेजर विहान सिंह शेरगिल से लेकर मसान में भावपूर्ण दीपक तक, उनके किरदारों में बेहद ईमानदारी है जो उनकी परवरिश को दर्शाती है। विक्की का अपनी जड़ों से जुड़ाव उसकी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व से स्पष्ट होता है।
मनोज बाजपेयी (बेतिया, बिहार):
बेतिया से बॉलीवुड तक का मनोज बाजपेयी का सफर दृढ़ता और प्रामाणिकता की कहानी है। द फैमिली मैन में श्रीकांत तिवारी या सत्या में भीकू म्हात्रे जैसे जटिल किरदार निभाने के लिए जाने जाने वाले, मनोज अपनी भूमिकाओं में एक कच्ची तीव्रता लाते हैं, जो उनके छोटे शहर के पालन-पोषण के मूल्यों और अनुभवों में निहित है। वह बेतिया के गौरवान्वित बेटे हैं, अक्सर दौरा करते हैं और क्षेत्रीय प्रतिभाओं की सराहना करते हैं।
आयुष्मान खुराना (चंडीगढ़):
चंडीगढ़ के मूल निवासी आयुष्मान खुराना अपनी कला में अपनी जड़ें सहजता से बुनते हैं। विकी डोनर में भरोसेमंद लड़के से लेकर आर्टिकल 15 और शुभ मंगल सावधान में सामाजिक रूप से जागरूक भूमिकाओं तक, उनके किरदार अक्सर उनकी परवरिश की गर्मजोशी और प्रामाणिकता को दर्शाते हैं। आयुष्मान की कला, संगीत और कविता सभी उनके गृहनगर की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं।