महाराष्ट्र के अमरावती जिले से एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति की सूचना मिली है, 2024 में किसानों की आत्महत्याओं में तेज वृद्धि देखी गई है, जिससे इस क्षेत्र को “आत्महत्या की राजधानी” का भयावह खिताब मिला है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, केवल अमरावती डिवीजन में 461 किसानों ने केवल पांच महीनों के भीतर दुखद रूप से अपनी जान ले ली है।
डीएनए के आज के एपिसोड में सौरव राज जैन महाराष्ट्र राज्य में इस गंभीर कृषि संकट का विश्लेषण करते हैं।
जनवरी से मई 2024 के बीच महाराष्ट्र के अमरावती में किसानों द्वारा आत्महत्या के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं। सिर्फ़ पाँच महीनों में अमरावती डिवीज़न में किसानों द्वारा आत्महत्या के चौंका देने वाले मामले सामने आए हैं, जहाँ 461 मामले सामने आए हैं। यह चिंताजनक प्रवृत्ति विशेष रूप से अमरावती जिले में स्पष्ट है, जहाँ 146 किसानों ने दुखद रूप से अपनी जान दे दी है। इसके अलावा, यवतमाल जिले में 132, बुलढाणा में 83, अकोला में 82 और वाशिम में 21 आत्महत्याएँ दर्ज की गईं, जो महाराष्ट्र के कृषि समुदायों को जकड़े हुए व्यापक संकट को उजागर करती हैं।
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— ज़ी न्यूज़ (@ZeeNews) 21 जून 2024
अमरावती में कपास और सोयाबीन की खेती की जाती है। अमरावती जिले के कुछ हिस्सों में नागपुर के मशहूर संतरे की भी खेती की जाती है। सोयाबीन की खेती शुरू करने के बाद से अमरावती के किसानों की पैदावार में काफी गिरावट देखी गई है।