दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक मुखौटा संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने जम्मू के डोडा में घात लगाकर किए गए हमले के बाद का एक वीडियो जारी किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में हुए इस हमले में एक सेना अधिकारी और तीन अन्य सैनिक मारे गए थे। कथित तौर पर सिर कलम करने की घटना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आक्रोश और निंदा को जन्म दिया है।
द प्रिंट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कथित तौर पर पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी एक मृत सैनिक का सिर काटने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। आतंकवादी समूह का दावा है कि यह कृत्य पिछली मुठभेड़ में सैनिकों द्वारा एक आतंकवादी के शव को घसीटने का बदला लेने के लिए किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के सूत्र वर्तमान में फुटेज की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए काम कर रहे हैं।
सैनिकों की पहचान डोडा जिले में आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा गश्ती दल के सदस्य के रूप में की गई। कथित तौर पर जब वे वापस लौट रहे थे, तब आतंकवादियों ने उन पर हमला किया। वीडियो में एके-47 भी दिखाई गई है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि आतंकवादियों ने घटना के दौरान सैनिकों से इसे छीन लिया था।
डोडा में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान जारी
डोडा के देसा जंगलों में एक कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मियों की दुखद मौत के बाद बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है। अधिकारियों के अनुसार यह घटना सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को हुई।
गुरुवार को चौथे दिन भी तलाश जारी रही, देसा और उसके आस-पास के जंगलों की गहन तलाशी ली गई। अभियान के दौरान छिटपुट गोलीबारी हुई, मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक देसा के जंगलों में दो बार संक्षिप्त गोलीबारी की खबर है।
2005 में आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त घोषित होने के बावजूद, डोडा जिले में हिंसा का फिर से उभार देखा गया है। इसकी शुरुआत 12 जून को चत्तरगला दर्रे पर हुए हमले से हुई जिसमें छह सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए। अगले दिन, गंडोह में हुई झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया।
26 जून को गंडोह क्षेत्र में मुठभेड़ हुई जिसमें एक दिन के गहन अभियान के बाद तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। 9 जुलाई को घाडी भगवा जंगल में एक और मुठभेड़ हुई।
साल की शुरुआत से ही जम्मू प्रांत में छह जिलों में हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला देखने को मिली है, जिसके परिणामस्वरूप 27 लोगों की जान चली गई है। इसमें सुरक्षा बलों के 11 सदस्य, एक ग्राम रक्षा गार्ड, पांच आतंकवादी और रियासी जिले में शिव खोरी मंदिर से 9 जून को लौट रहे सात तीर्थयात्री शामिल हैं।